पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) की धर्मपत्नी श्रीमती शांति मिश्रा ने दद्दाजी का समाज के प्रति सेवा-भाव, कर्म-प्रधानता एवं ‘नर-सेवा ही नारायण-सेवा है’ जैसे विचारों को जीवंत रखने हेतु “पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा-न्यास” गठन करने की प्रेरणा प्रदान की। अतः उनके मार्गदर्शन में पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास को मूर्त रूप प्रदान किया गया। इसका विधिवत गठन मध्य प्रदेश के गजट में प्रकाशित हुआ। सतना (म.प्र) में पंजीयन क्रमांक 24 दिनांक 07 मार्च, 2017 जारी किया गया।
डॉ. राकेश मिश्र अध्यक्ष एवं श्रीमती आशा रावत इस न्यास की सचिव नियुक्त की गईं।
‘पं० गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास’ का मुख्य उद्देश्य ‘नर सेवा ही नारायण सेवा है’ को सार्थक बनाना है। यह सेवा न्यास लोगों की सभी प्रकार की सामाजिक, आर्थिक, भौतिक व धार्मिक सेवाओं के लिए समर्पित है।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत् ॥ शांति: शांति: शांति: !!!
शांति प्रवाह
“नर सेवा–नारायण सेवा”
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के प्रयत्नों द्वारा नर सेवा-नारायण सेवा को चरितार्थ करते हुए “सेवा, संस्कृति उत्थान और सहयोग की डगर पर छह साल का सफर”
सुखद अनुभूति हो रही है कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास ने अपनी स्थापना के छह साल की अल्प अवधि में ही समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए वह
कर दिखाया है, जिसकी कल्पना सामान्यतया नहीं की जा सकती है। समाज की सेवा हो या संस्कृति का संरक्षण, समृद्ध और सशक्त समाज के निर्माण में सहयोग हो या बुन्देलखंड की बुलंद विरासत को बचाने की बात, सामूहिक पाणिग्रहण संस्कार हो या सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार, पर्यावरण की रक्षा हो या स्वच्छता अभियान, स्वस्थ समाज का निर्माण हो या प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का अवसर देना। हर दृष्टि से सेवा परमो धर्म:, नर सेवा नारायण सेवा को चरितार्थ करते हुए न्यास ने मानवता की सेवा के लिए एक ऐसी लकीर खींच दी है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। सर्वे भवन्तु सुखिनः को साकार करने के उद्देश्य के साथ नित्य प्रतिदिन सेवा न्यास ने मानवता की जो सेवा की है, उससे महज एक क्षेत्र विशेष नहीं, बल्कि राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बना ली है।
“सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:” सेवा न्यास गरीब बस्तियों के क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य शिविरों द्वारा उन्नत तकनीकी की हरसंभव मदद प्रदान करने का काम कर रहा है। अब तक 23 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें गरीब लोगों को मुफ्त उपचार, दवाइयाँ, ऑपरेशन व आवागमन की सुविधा भी प्रदान की जाती रही है। मेदांता दि मेडीसिटी, गुरुग्राम (हरियाणा) ने मल्टी स्पेशियलिटी हैल्थ कैंपों का आयोजन कर मरीजों की संपूर्ण जाँच की, जिसमें लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं। न्यास के अनुरोध पत्र पर मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम द्वारा हजारों मरीजों को 15 प्रतिशत इलाज में छूट दी गई है, जिससे मरीजों के लाखों रुपए की बचत हुई और स्वस्थ भी हो गये। मेदांता हास्पिटल गुरुग्राम द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के हजारों मरीजों की विभिन्न बीमारियों की हज़ारों रूपये में होने वाली जांचें पूर्णत: नि:शुल्क की गईं। अब तक 50,124 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। इसी तरह 9343 आंख एवं कान के मरीजों के बीच चश्मा एवं श्रवण यंत्रों का वितरण किया।
पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा आयोजित 40वां स्वास्थ्य शिविर श्रृंखला के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ताला,अमरपाटन में आयोजित स्वास्थ्य शिविर का लाभ लेने भारी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे और स्वास्थ्य लाभ लिया
सतना 3 सितंबर। पं. गणेश प्रसाद मिश्र जन्मशताब्दी पर सतना हाफ मैराथन के शुभारंभ अवसर पर प्रातः 6:00 बजे खेल के मैदान धवारी में भव्य शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर योगेश ताम्रकार, विशिष्ट अतिथि भाजपा राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी डॉ. संजय मयूख, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी की गरिमामय उपस्थिति में हुआ।राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मैराथन धावकों को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।
सतना हाफ मैराथन में प्रथम, द्वितीय व तृतीय समेत 60 पुरस्कारों के चैक प्रदान किए गए
भारत के 26 राज्यों से आए हुए महिला पुरुष धावकों ने हिस्सा लिया, उनके आवास भोजन की समुचित व्यवस्था न्यास द्वारा की गई।
शुभारंभ अवसर पर मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल ने सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ राकेश मिश्र की सराहना करते हुए कहा कि सतना हाफ मैराथन स्थानीय धावकों एवं खिलाड़ियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। विगत तीन वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है।पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। सतना हाफ मैराथन दौड़ को सफल बनाने में फिट इंडिया के डॉ.पीयूष जैन व उनकी टीम के सदस्यों द्वारा एक सेकंड के सौवें भाग की गणना की गई। पंजीयन प्रक्रिया डिजिटल अपनाई गई , जिसके माध्यम से दौड़ को समाप्त करने के उपरांत तुरंत ऑनलाइन डिजिटल प्रमाण पत्र जारी किए गये।
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प्रयागराज/सतना/छतरपुर ! जगतगुरु राघवाचार्य जी ने 15 वाँ स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन करते हुये कहा कि माघ मेला में इस प्रकार के सेवा कार्यों के लिये न्यास की प्रशंसा करते हुये कहा कि “लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पण: किं करिष्यिति” अर्थात् आंखों में रोशनी देना व सुनने की मशीन से श्रवण शक्ति देना। यह परम पुण्य का कार्य है। पं. गणेश प्रसाद मिश्र ‘दद्दा जी’ के सुपुत्र डॉ. राकेश मिश्र और उनकी बहिनें आशा, मालती, रेखा, रचना व पुत्रवधू प्रमिला एवं पौत्र संकल्प इस कार्य को बखूबी कर रहे हैं।
हमारा प्रबंधन
न्यास का गठन पं. गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी ) की धर्मपत्ली श्रीमती शांति मिश्रा ने दद्दाजी का समाज के प्रति सेवा भाव,कर्म प्रधानता एवं “नर सेवा ही नारायण सेवा है” जैसे विचारों को जीवंत रखने हेतु किया गया। डॉ. राकेश मिश्र अध्यक्ष एवं श्रीमती आशा रावत इस न्यास की सचिव नियुक्त की गईं।
एम. ए. (राजनीत विज्ञानं एवं शिक्षा )
बी.एड. , पी.एच.डी.
एम.ए., बी.टी.सी.
सेवा निवृत शिक्षिका
बी.ए., बी.टी.सी.
सेवा निवृत शिक्षिका
एम.ए. , बी.एड.
शिक्षिका
“सेवा, संस्कृति उत्थान और सहयोग की डगर पर छह साल का सफर”
सतना 3 सितंबर। पं. गणेश प्रसाद मिश्र जन्मशताब्दी पर सतना हाफ मैराथन के शुभारंभ अवसर पर प्रातः 6:00 बजे खेल…
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा दो दिवसीय निःशुल्क चौबीसवॉ मल्टी स्पेशलिटी हेल्थ चेक अप कैंप सरस्वती उच्चतर माध्यमिक…
‘शिक्षा सबल और सशक्त कर सकती है’
पं. गणेश प्रसाद मिश्र उपाख्य दद्दाजी का समाज के लिये सबसे प्रमुख संदेश है।
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास का निरंतर प्रयास रहता है कि वह क्षेत्र में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों को आवश्यक सुविधाएं, सकारात्मक वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें। उनमें सकारात्मक ऊर्जा पैदा की जाये, जिससे कि वे भविष्य में एक समर्थ, सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकें। इसके लिए न्यास निरंतर छात्रों के बीच में प्रतिस्पर्धात्मक प्रतियोगिता, उनके स्वास्थ्य का चेकअप, सम्मान पत्र और शिक्षा से संबंधित आवश्यक सामग्री को उपलब्ध कराते हुए संकल्प भाव से सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर कार्यरत है। हम सभी अच्छी पढ़ाई-लिखाई करेंगे, तो विकास का रास्ता सुगम हो जाएगा। हमारे क्षेत्र के पिछड़ेपन का मूल कारण अशिक्षा ही है। सरकारें कोशिशें करती हैं, परन्तु इसके लिए हमको और हमारे परिवार को भी प्रयास करना पड़ेगा। तभी हम मुकाम को हासिल कर पाएँगे। हमें आगे बढ़ना है, तो पढ़ना पड़ेगा। हम पढ़े-लिखे होंगे, तभी अपने समाज और देश को ऊँचाई तक ले जा सकेंगे।
न्यास के संबंध में महानुभावों के विचार
आज मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि महाराजपुर विधानसभा में स्वर्गीय श्री गणेश प्रसाद मिश्र जी के नाम पर एक माध्यमिक विद्यालय का उन्नयन करके हाई स्कूल बनाने जा रहा हूँ। यह विद्यालय पं. गणेश प्रसाद मिश्र स्मृति हाई स्कूल मानपुरा तत्काल प्रभाव से शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर देगा। दद्दाजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रारंभिक काल के सक्रिय स्वयंसेवक एवं प्रचारक रहे हैं। उनका पूरा जीवन समाज को विशेषकर गरीबों को, वंचितों को, मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने में भूमिका रही है। संघ के इस कार्य को वर्तमान में उनके पुत्र डॉ. राकेश मिश्र ने इस पुनीत कार्य को पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के माध्यम से कर रहे हैं। सेवा कार्यों के लिए न्यास के कार्यकर्ता अभिनंदनीय हैं।
पिता केवल एक रिश्ता मात्र नहीं हैं, बल्कि संतान की ताकत है पिता, उसकी हिम्मत है पिता। जब आप टूट जाते हैं, बिखर जाते हैं, तो पिता आप का सम्बल बनकर आप के साथ होता है। एक पिता की वैचारिकता ही पुत्र के कर्म का आधार बनती है-
“तुझमें-मुझमें कोई फर्क नहीं, जब तू है तो मैं कैसा”।
ऐसे ही एक पिता पं.गणेश प्रसाद मिश्र (दद्दाजी) जी को, मैं नमन करता हूं और उनके पुत्र डॉ.राकेश मिश्र जी, जो अपने माता-पिता से मिले संस्कार की ऊर्जा से पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के माध्यम में लगातार सामाजिक कार्य कर रहे है, की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूं और उनके स्वार्थ रहित प्रयास हेतु उनको भी नमन करता हूं।
आदर्श व्यक्ति का मार्ग ही सुपंथ है। धर्म का अर्थ मात्र पूजा-पाठ करना नहीं होता है, अपितु दूसरों का कल्याण और सेवा से जुड़ा होता है। इस संसार में जो भी व्यक्ति ऐसा जीवन जीता है या जीने का प्रयास करता है, वह आदर्श व्यक्ति कहलाता है। समाज उस व्यक्ति के नहीं होने पर भी उससे प्रेरणा लेता है। पं. गणेश प्रसाद मिश्र जी उसी परम्परा के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के प्रथम प्रचारक हुये हैं जो सन् 1948 में पोस्टमास्टर जैसी शासकीय सेवा छोड़कर सम्पूर्ण जीवन संघ कार्य में लगा दिये। आज उनकी कर्तव्यपरायणता से युवा पीढ़ी को शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।
पं.गणेश प्रसाद मिश्र जी
श्री दद्दाजी जी ने अयोध्या आंदोलन में, 1990 की कार सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 1992 में विवादित ढाँचा विध्वंस में छतरपुर जिले के दो कार सेवकों में से वे एक थे, जो वहाँ पहुँच सके
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